Exclusive:उत्तर पूर्व के इस रूट पर बंद हुई Capf की हवाई सेवा, हमलों के चलते शुरू हुई थी एयर कूरियर सर्विस

EXCLUSIVE: CAPF air courier service stopped on this route of North East

Air Courior Service
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht

विस्तार

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए एक अगस्त 2023 से ‘दिल्ली-डिब्रूगढ़-गोवाहाटी-दिल्ली’ हवाई सेवा यानी ‘एयर कूरियर सर्विस’ को स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस निर्णय के बाद सीएपीएफ के जवानों को अब ट्रेन या सड़क मार्ग से उक्त रूट पर यात्रा करनी होगी। उत्तर पूर्व में उग्रवादी हमलों के मद्देनजर, केंद्रीय सुरक्षा बलों को ट्रेन या सड़क मार्ग की बजाए हवाई यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई थी। एयर कूरियर सर्विस के संचालन की जिम्मेदारी बतौर नोडल एजेंसी ‘बीएसएफ’ के पास है। 24 जुलाई को सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के नोडल अधिकारियों को उक्त निर्णय से अवगत करा दिया गया है।  

‘दिल्ली-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी-दिल्ली’ एयर सर्विस बंद

मौजूदा समय में सीएपीएफ को एयर कूरियर सेवा मुहैया कराने का अनुबंध इंटर ग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) के साथ हुआ था। इस कंपनी के साथ तय सभी रूटों पर एयर कूरियर सर्विस, 31 जुलाई 2023 को खत्म हो रही है। नोडल एजेंसी द्वारा इस सेवा का विस्तार एक अगस्त 2023 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास फाइल भेजी गई थी। इस फाइल में ‘दिल्ली-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी-दिल्ली’ रूट शामिल नहीं है। विभिन्न रूटों पर आगामी पांच वर्ष के लिए, एक अगस्त 2023 से 31 जुलाई 2028 तक ‘एयर कूरियर सर्विस’ जारी रहे, यह मंजूरी लेने के लिए जब वह फाइल गृह मंत्रालय के पास भेजी गई थी, तो उसमें भी ‘दिल्ली-डिब्रूगढ़-गोवाहाटी-दिल्ली’ रूट को शामिल नहीं किया गया। इसके चलते अब एक अगस्त 2023 से ‘दिल्ली-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी-दिल्ली’ एयर कूरियर सर्विस को बंद कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर, एयर कूरियर सर्विस प्रारंभ की गई थी।

सीएपीएफ के लिए जोखिम भरे रहे हैं कई रूट

कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व के राज्यों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात हैं। कश्मीर में आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ जैसे बड़े केंद्रीय बल पर हैंड ग्रेनेड एवं आईईडी से हमला कर दिया जाता है। इसी तरह उत्तर पूर्व के राज्यों में उग्रवादियों और केंद्रीय बलों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं। इन क्षेत्रों में सीआरपीएफ व बीएसएफ जैसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं। 2019 में ‘पुलवामा’ में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के जोखिम भरे क्षेत्रों में सड़क मार्ग से आवाजाही करने वाले जवानों के ‘काफिले’ पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा बलों को सड़क मार्ग की बजाए हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी। साल 2021 में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त के बाद ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस (सस्पेंशन) रोक दी गई थी। तब केंद्रीय सुरक्षा बलों की हवाई यात्रा सेवा को 31 अगस्त 2021 के बाद जारी रखने की मंजूरी नहीं मिल सकी थी। नोडल एजेंसी बीएसएफ ने इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही अवगत करा दिया था। हालांकि बाद में एयर कूरियर सर्विस को जारी रखने की मंजूरी दे दी गई थी।






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