बॉलीवुड अभिनेता आदित्य रॉय कपूर इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई अपनी वेब सीरीज ‘द नाइट मैनेजर’ की सफलता का आनंद ले रहे हैं। वेब सीरीज में ‘शान सेनगुप्ता’ के किरदार के लिए उनकी काफी सराहना की गई। ओटीटी पर अभिनेता ने अपनी धाक जमा ली है। इस बीच उन्होंने अपने करियर के बारे में खुलकर बात की है। इसके साथ ही उन्होंने अपने संघर्षों, असफलताओं और बॉलीवुड में नेपोटिज्म का सामना करने पर भी बात की।
बॉलीवुड में चल रहे नेपोटिज्म के बारे में बात करते हुए आदित्य ने यह खुलासा किया कि वह अपने भाइयों के समर्थन के बिना बॉलीवुड में अपनी राह बनाते हुए फिल्में हासिल करने में कामयाब रहे। आदित्य ने कहा कि उन्हें लगता है कि लोग जानते हैं कि उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह खुद बनाई है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सहायक भूमिकाओं से की, जिसमें उनके भाई शामिल नहीं थे। जब उन्होंने अपनी पहली मुख्य भूमिका निभाई, तब तक वे तीन सहायक भूमिकाएं कर चुके थे, इसलिए लोगों के लिए उनकी फिल्मी यात्रा को देखना आसान है।
ऑडिशन के दौरान रिजेक्शन के अपने अनुभवों को साझा करते हुए आदित्य रॉय कपूर ने खुलासा किया कि उन पर कभी भी इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि अस्वीकृति एक अभिनेता के जीवन का हिस्सा है और बेहतर होगा कि इसकी आदत डाल ली जाए। ऑडिशन के शुरुआती दिनों में बहुत रिजेक्शन मिले। मैं बहुत सी चीजों के लिए ऑडिशन देता था, लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं निश्चित रूप से जानता था कि मैं एक अभिनेता बनना चाहता हूं। मैं एक आरजे था और मैं खुश था। मैं वास्तव में फिल्मों में कभी नहीं था। मेरे लिए यह संयोग से हुआ।
आदित्य रॉय कपूर ने कहा कि वह कुछ ऑडिशन में जाते थे, क्योंकि लोग उन्हें बुलाते थे और वह अपना सर्वश्रेष्ठ देते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि कोई नहीं जानता कि कौन से अवसर उनका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में शुरुआती वर्षों में उन्हें अपने करियर को लेकर डर नहीं लगा। अभिनेता का कहना है कि उन्होंने कई रिजेक्शन का सामना किया है, लेकिन कभी इससे हताश नहीं हुए और न ही इसे नेपोटिज्म का हिस्सा माना। बस वह संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई।
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