एमएसपी गारंटी कानून को लेकर भाकियू चढूनी ने की प्रेस वार्ता और एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

खुर्जा/बुलंदशहर / राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर भाकियू चढूनी के प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर के नेतृत्व में मण्डल प्रभारी टीकम सिंह सूर्यवंशी की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष डम्बर सिंह की अध्यक्षता में की प्रेस वार्ता में एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन। प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर ने पत्रकारों संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों के साथ जो व्यवहार कर रही है उससे किसानों में आक्रोश है, नाराजगी है। केंद्र सरकार को एमएसपी पर अविलंब कानूनी मान्यता देनी चाहिए क्योंकि सरकार ने ही एमएसपी पर बहुत पहले एक कमेटी बनाई थी, फिर ऐसा क्या है रह गया, जिसे लेकर सरकार को इतना समय लग रहा है? एमएसपी गारंटी कानून के साथ अन्य मांगों को लेकर हरियाणा पंजाब के साथ उत्तर प्रदेश का किसान भी मजबूती से लड़ेगा किसानो का शौषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उल्लेखनीय है की प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर किसान आन्दोलन 2 के लिए समर्थन जुटाने के लिए मेहनत कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के छोटे छोटे संगठनों को किसान आंदोलन 2 के लिए पश्चिमी प्रदेश में जगह जाकर जाकर इकठ्ठा कर रहें हैं ताकि उत्तर प्रदेश से भी किसानो की इस लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके साथ ही अपनी पूरी कार्यकारणी के साथ किसानो को जगाने में भी लगे हैं मण्डल प्रभारी टीकम सिंह सूर्यवंशी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा की भारत सरकार ने भारत रत्न से जिन लोगों को सम्मानित किया है उनकी विचारधाराओं को और उनकी सिफारिशो को भी लागू करने का काम करे। तभी यह असली सम्मान होगा बाटेंगे रत्न और बेचेंगे वतन, केन्द्र सरकार किसानो को जातियों में बांटकर देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं।रिज़वान चौधरी ने कहा कि पुलिस किसानो के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है उनके रास्ते में कीले बिछाई जा रही है उन पर रबर बुलेट से लेकर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं अन्नदाता जायज मांग कर रहा है एमएसपी सहित अन्य मांगों को सरकार को अभिलंब मान लेना चाहिए,एमएसपी का सीधा-सीधा फार्मूला है, जिस पर सरकार को बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत ही नहीं है। केंद्र सरकार को सीधे तरीके से किसानों की उन सभी फसलों पर, जो सरकार ने एमएसपी के भाव खरीदने का वायदा किया है, उन सभी फसलों पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक भाव तय करना है और उस पर एक विधेयक बनाकर संसद में पास करना है और उसे कानूनी जामा पहनाना है। अगर सरकार को लगता है कि किसानों की कोई मांग नाजायज या गलत है, तो सरकार उस पर खुलकर देश के सामने अपनी बात रखे। लेकिन वो सब कुछ गोलमोल करके किसानों को विलेन बनाने की कोशिश में लगी है। किसान वही मांगें तो कर रहे हैं, जिन्हें पूरा करने का सरकार वायदा कर चुकी है। और फिर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में भी केंद्र की मोदी सरकार को क्या हर्ज है। साथ ही किया गया संगठन विस्तार भाकियू सुनील को छोड़कर आए सैकड़ों कार्यकर्ता साथ में मौजूद रहे प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर, मण्डल प्रभारी टीकम सिंह सूर्यवंशी, जिलाध्यक्ष डम्बर सिंह , मण्डल अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह, प्रदेश सचिव मुनेश पाल सिंह, जिला महामंत्री युवा रिजवान चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष राम बाबू सिंह, नगर मीडिया प्रभारी चाहत कुरैशी, सियाराम गोस्वामी, गुड्डा शर्मा, विशाल गॉड, चेतन गोस्वामी, अन्य सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहें।

भाकियू चडूनी के पदाधिकारी प्रेस वार्ता करते हुए

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Author: krjnews

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