खुर्जा /बुलंदशहर /एमपी सिंह राणा : 9758 974969।
भारत विकास परिषद खुर्जा द्वारा योग पुरुष युग प्रवर्तक राष्ट्र के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा स्थापना एवं अनावरण कार्यक्रम खुर्जा बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के कॉलोनी कालिंदी कुंज की चौक पर किया गया। वरिष्ठ समाजसेवी श्री बाबूलाल आर्यजी प्रेरणा से विकास गोयल ,राहुल राठी, सुनील गुप्ता आदर्श के क्वेश्चन संयोजन में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
ज्योत्सना यादव पीसीएस सेक्रेटरी बीकेडीए ,कर्मजीत कौर सीनियर फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर ,आनंद मिश्रा सीनियर इंजीनियर ,निरंजन ने कालिंदी कुंज चौक पर पहुंचकर स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का अनावरण किया साथ ही वंदे मातरम गायन हुआ ।
भारत विकास स्कूल के बच्चों द्वारा घोष व एनसीसी कैडेट द्वारा सलामी दी गई।
तत्पश्चात भारत विकास कन्या उच्चतर विद्यालय में दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ अध्यक्ष प्रेम प्रकाश अरोरा सभी अतिथियों का स्वागत किया वह कार्यक्रम का संचालन किया। ज्योत्सना यादव सेक्रेटरी बीकेडीए और कर्मजीत कौर सीनियर फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर ने इस उत्कृष्ट जन कार्य के लिए भारत विकास परिषद के सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि यह प्रेरणादायक कार्य है। और भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद जी के आदर्श स्वरूप कार्य करता है इसके लिए भी उन्होंने बधाई दी।
*मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक श्री नेमपाल जी ने मार्गदर्शन करते हुए बताया कि जब उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी ने मां काली के साक्षात रूप से कुछ मांग लेने को कहा तो उन्होंने ज्ञान वैराग्य मांगा।पूरे विश्व में जो अमेरिका में शिकागो शिकागो में धर्म संसद में उनकी कोई वेशभूषा और उनके शारीरिक स्वरूप को नहीं देखा गया बल्कि स्वामी विवेकानंद का जब नंबर आया तब उन्होंने बोला हमारे भारत देश की संस्कृति है तो हमारे देश की संस्कृति में कहीं नहीं है है सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति वह भारत की संस्कृति है सबको सम्मान देने की भारत की संस्कृति है सर्वधर्म जाति के लिए सेवा करने की अपनी संस्कृति है शून्य विषय पर भी उन्होंने घंटे तक अपना वक्तव्य रखा। एक सुंदर महिला ने उनसे विवाह करने का जो प्रस्ताव रखा कि मैं आप जैसा पुत्र पैदा करना चाहती हूं तब उन्होंने कहा कि मुझे आज ही मुझे अपना पुत्र मान लेंगे तो मैं आपका आज से ही आपका पुत्र बेटा बन जाऊंगा। चरित्र की चर्चा करते हैं स्वामी विवेकानंद जी जैसा चरित्र होना चाहिए। स्वामी जी जब भारत लौट रोने लगे रोने के साथ भारत की मिट्टी है उसे अपने शरीर से लपेटने लगते हैं और साथ शरीर से जब लपेट हैं और रोने लगते है देश कीमाटी से 3 वर्ष तक अलग रहा हूं इसलिए रो रहा हूं मुझे बहुत ज्यादा प्रसन्नता हो रही है कि मैं अपनी भारत में लेकर आ गया हूं उन्होंने अपने शरीर को भी मिट्टी से माला मेरे अंदर कोई भी विदेशी ताकत या उनका कोई विदेशी भाव अगर शरीर में प्रवेश कर गया हो तो समाप्त हो जाए प्रवेश करने भारत का व्यक्तित्व भारतीय नारी का सम्मान कैसे होता है ने कहा है नदियों की पूजा होती है वहां देवता भी ललहित रहते हैं जहां महिला की पूजा होती है जन्म लेने के लिए भारत मानव भ्रमण करके मथुरा वृंदावन काशी100 युवा खड़े हो जाएंगे तो देश के लोगों की समझ में परिवर्तन हो जाए।*
*प्रांतीय अध्यक्ष श्री नरेंद्र शर्मा जी ने भी इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के उत्कृष्ट राष्ट्रीय योगदान के लिए जो युवाओं के लिए प्रेरणादाई है सभी के लिए समक्ष रखा। इस अवसर पर विद्यालय के संरक्षक समाजसेवी श्री शिव कुमार गौड़ जी विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष श्री राजीव बंसल जी समाजसेवी भगवान दास सिंगल जी ने सभी को संबोधित किया*
*कार्यक्रम के अंत में सचिव श्री पीयूष तायल जिन्हें सभी का धन्यवाद दिया इस अवसर पर समाज की वरिष्ठ लोगों को सम्मानित किया गया और उत्कृष्ट समाज के लिए समर्पण सेवा के लिए पत्रकार बंधुओ को शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गोपाल सर्राफ, निखिल पोद्दार, जगदीश गुंबर, पुनीत अग्रवाल, कृष्ण अवतार बंसल, पवन गोयल, सुनील गुप्ता आदर्श, राकेश आर्य, संजय गुप्ता, लोकेश जिंदल, कुलदीप मित्तल, राजीव वर्मा, विनीत आर्य मुकुट लाल गुप्ता अजय गर्ग एडवोकेट डॉ अनिल गुप्ता महेश कुमार पोद्दार सौरभ पांडे महेश चौधरी मुकेश रोहिल्ला ने सक्रिय रूप से योगदान दिया ।



